एक नज़र इधर भी
बुधवार, 29 दिसंबर 2010
सबक
रंग लाती है हिना , पत्थर मै घिस जाने के बाद !
सुर्ख रूह होता है इंसा . ठोकरें खाने के बाद !!
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