एक नज़र इधर भी
बुधवार, 29 दिसंबर 2010
बेवफा
मेरे पहलु मै दम भर ठहरता ही नहीं !
मेरा दिल भी बेवफा है तुम्हारी तरह !
2 टिप्पणियां:
संजय भास्कर
ने कहा…
Beautiful as always.
It is pleasure reading your poems.
2 जनवरी 2011 को 11:23 pm बजे
Minakshi Pant
ने कहा…
thanx sanjay ji
7 जनवरी 2011 को 10:18 am बजे
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2 टिप्पणियां:
Beautiful as always.
It is pleasure reading your poems.
thanx sanjay ji
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