एक नज़र इधर भी
बुधवार, 29 दिसंबर 2010
कारवां
फुरकत की शाम , दिल की उदासी , तुम्हारी याद !
तन्हाई मै भी कितना बड़ा कारवां हैं हम !!
2 टिप्पणियां:
Kailash Sharma
ने कहा…
बहुत भावपूर्ण प्रस्तुति..
14 फ़रवरी 2011 को 8:26 am बजे
Kailash Sharma
ने कहा…
बहुत भावपूर्ण प्रस्तुति..
14 फ़रवरी 2011 को 8:26 am बजे
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बहुत भावपूर्ण प्रस्तुति..
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