एक नज़र इधर भी
गुरुवार, 25 नवंबर 2010
चाह
कोंन कहता है उड़ने के लिए................
पंखो की जरुरत पड़ती है !
उडान तो होंसलो से बुलंद होती है !
वो खुद बन जाते हैं पंख
जब दिल मै पाने की चाह होती है
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