गुरुवार, 26 अगस्त 2010
अंदाज़
ये जिंदगी तेरे अंदाज़ से वाकिफ थे हम मगर !
तेरी दुनियां के रंगीन सपनों से बेखबर नहीं थे हम !!
पर क्या करे जो हमसे निभाया न गया ये सब !
पर कोशिश तो हमने भी जी जान से ही की थी !!
दुआ का असर
कहते हैं हर चीज़ मिल जाती है दुआ से !
इक रोज़ तुझे मांग के देखेंगे खुदा से !!
उसकी दुआ मै न जाने कितना असर होगा !
ये भी जरा आज अजमा के देखेंगे खुदा से !!
यकीं है उसकी दुआ कभी बेअसर न जाएगी !
पर उसपे यकीं तो कम से कम हो ही जायेगा !!
भरोसा टूट जाने पर बहुत तकलीफ होती है !
पहले ही संभल जाएँ तो तकलीफ कम होगी !!
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