रविवार, 17 अप्रैल 2011

कामयाबी यों ही नहीं मिलती... बिल गेट्स

क्या आपमें है कुछ कर गुजरने की तमन्ना ? क्या आपके पास कोई मकसद , कोई विजन , कोई आइडिया ? यदि एसा कोई लक्ष्य नहीं है , तो घर बैठिए | और अगर आपका जवाब हाँ है तो , अपनी योग्यता को आंकिए और अपने काम में जुट जाइए |
              बिल गेट्स दुनियां के सबसे अमीर लोगों में से हैं | वह महादानी भी हैं | 28 अक्तूबर 1955 को इनका जन्म हुआ था , लेकिन 32  साल पुरे होने के पहले ही 1987 में उनका नाम अरबपतियों की फ़ोर्ब्स की सूचि में आ गया और कई साल तक वो इस लिस्ट में नम्बर वन पर भी रहे | 2007 में उन्होंने 40 अरब डालर ( लगभग 176 अरब रूपये ) दान में दिए | बिल गेट्स माइक्रोसाफ्ट के चेयरमैन हैं , जिसका साल 2010 का  करोबार 63 अरब डालर और मुनाफा करीब 19 अरब डालर था | आंखिर क्या है बिल गेट्स की कामयाबी  का मन्त्र ?
उच्च जीवन उच्च विचार :::::::::
            बिल गेट्स खाते - पीते घर के हैं | स्कूल में उन्होंने 1600 में से 1590 नंबर पाए थे पढाई के दौरान ही कंप्यूटर  प्रोग्राम बनाकर उन्होंने 4 , 200 डालर कमा  लिए थे और टीचर से कहा था कि मैं 30 वर्ष कि उम्र में करोडपति बनकर दिखाऊंगा और 31 वर्ष में वह अरबपति बन गये | वह विलासितापुर्वक नहीं रहते , लेकिन वह व्यवस्थित जीवन जीते हैं | डेढ़ एकड़ के उनके बंगले  में सात बेडरूम , जिम स्विमिंग पूल थियेटर आदि हैं | पन्द्रह साल पहले उसे करीब 60 लाख डालर में खरीदा था | उन्होंने लियोनार्दो दी विंची के पत्रों , लेखों को तीन करोड़ डालर में खरीदा था | ब्रिज , टेनिस और गोल्फ के खिलाडी बिल गेट्स अपने तीन बच्चों के लिए अपनी पूरी जायदाद छोड़कर नहीं जाना चाहते , क्युकी उनका मानना है कि अगर मैं अपनी संपत्ति  का एक प्रतिशत भी उनके लिए छोड़ दूँ तो वह काफी होगा | उन्होंने दो किताबें भी लिखीं हैं , द रोड अहेड और बिजनेस @ स्पीड ऑफ़ थोट्स |
           साल 1994 में उन्होंने अपने कई शेयर्स बेच दिए और एक ट्रस्ट बना लिया , जबकि उन्होंने 2000 में  अपने तीन ट्रस्टों को मिलाकर एक कर दिया और पूरी पारदर्शिता से दुनियां भर में जरूरतमंद लोगों की मदद करने लगे | बिल गेट्स की कमी , एकाधिकारी व्यवसायिक निति और प्रतिस्पर्द्धा उन्हें बार - बार विवादों में भी धकेलती रही है | 16 साल तक अरबपतियों की सूचि में नंबर वन रह चुके बिल गेट्स अपनी कामयाबी के सूत्र इस तरह बताते हैं |
दुनिया बदलो या घर बेठो ::::::
           क्या आपमें है कुछ कर गुजरने की तमन्ना ? क्या आपके पास है कोई मकसद , कोई विजन , कोई आइडिया , कोई इनोवेशन ? यदि कोई ऐसा लक्ष्य नहीं है , तो अपने घर बैठिये और अगर आपका जवाब हाँ में है तो अपनी योग्यता को आंकिये और अपने काम में जुट जाइये |
रस्ते खुद बनाओ ::::::::
            आज जो भी रास्तें हैं , वे हमेशा से नहीं थे | किसी न किसी ने तो उन्हें बनाया ही है | नये रस्ते बनाने की कोशिश पर हो सकता की लोग आपको सनकी कहें , पर आप डिगे नहीं | जब मैनें हर डेस्क पर और हर घर में कम्प्यूटर  की कल्पना की , तब किसी को इस बात की कल्पना नहीं थी | मुझे भरोसा था की कम्प्यूटर  हम सबकी जिंदगी को बदलकर रख देगा |
उसूलों पर डेट रहो :::::::
            कभी भी अपने सिद्धांत से न हटें | याद रखिये सभी लोग केवल धन के लिए काम नहीं करते | मेरे साथ जितने भी लोगों ने काम शुरू किया था वे सभी जानते थे कि वे धन कमानें के लिए नहीं बल्कि लोगों कि जिंदगी बेहतर बनाने के लिए काम कर रहें हैं | हम टेक्नलोजी कि मदद से लोगों के जीवन को आसान बनाना चाहते थे , और वह हमने कर दिखया | यह धन कमानें से ज्यादा बड़ा काम है |
हमेशा आगे कि सोचो ::::::::
             दुनियां तेज़ी से बदल रही है | अगर आप आगे कि नहीं सोच सकते , तो पिछड़ जायेंगें | आपको संभलने का वक़्त भी नहीं मिल पायेगा | आपको खेल में आगे आने के लिए और यहाँ तक कि खेल में बनें रहने के लिए आगे कि बातें सोचनी होंगी | इसके लिए कड़ी मेहनत के साथ ही बाज़ार कि जरूरतें क्या - क्या रहेंगीं , यह जानना आवश्यक है |
सही लोगों को साथ लें ::::::::
             कोई भी प्रतिभा किसी कार्य को सही अंजाम तभी दे सकती है , जब उसे सही लोगों का साथ मिले | अगर आपमें बहुत प्रतिभा है , लेकिन सहकर्मी और नियोक्ता आपका साथ न दें तो नतीजा क्या होगा ? ऊँचें लक्ष्य को लेकर सर्वश्रेष्ठ योग्यता से काम करने वाले लोग ही कामयाबी पा सकते हैं | अगर मेरे साथ पल एलेन और स्टीव बालमेर जैसे प्रतिभाशाली और विलक्षण मित्र तथा सहकर्मी नहीं होते , जो मेरी कमियों को दूर कर देते थे तो आज मैं इस जगह नहीं पहुंच पाता |
सिस्टम बनाएं ::::::::
            कोई भी काम करने के लिए एक सिस्टम जरूरी है जिससे कि सारे काम आसानी से हो सकें | यह सिस्टम माइक्रो या मेक्रो हो सकता है जरूरी नहीं कि हम  ही सिस्टम बनाएं , आप कोई भी अच्छा सिस्टम बना सकतें हैं , पर यह ध्यान रखिये कि कहीं ये सिस्टम अनुत्पादकता  को तो नहीं बढ़ा  रहा ?
समस्याओं को टुकड़ों में हल करो :::::
           किसी भी समस्या को दूर करने के लिए बारीकी से समझना जरूरी है | हो सकता है कि वह समस्या एक झटके में न दूर हो सके , ऐसे में उसे टुकड़ों में बात कर हल किया जा सकता है | इस तरीके से बड़ी से बड़ी और तात्कालिक समस्याओं से भी पार पाया जा सकता  है |
नाकामी को भी मत भूलो :::::::
            अपनी हर कामयाबी  का जश्न जरुर मनाओ , जिससे आपको अपनी कामयाबी पर नाज़ हो और आप हर कामयाबी को पाना चाहें , लेकिन कभी भी अपनी नाकामी को भी मत भूलो | अपनी नाकामियों से सबक सीखो और उसे दोहरानें से हमेशा बचो |