हथेली सामने रखना के सब आंसू गिरे उसमे जो ठहर जाये तो समझ जाना के " वो हूँ मैं " कभी जो चाँद को देखो तो तुम यु मुस्कुरा देना जो चल जाये हवा ठंडी तो ऑंखें बंद कर लेना जो झोंका तेज़ हो सबसे तो समझ लेना के " वो हूँ मैं " जो ज्यादा " याद " आऊं मैं तो तुम रो लेना जी भरके अगर हिचकी कोई आये तो समझ जाना के " वो हूँ मैं "
चमन अच्छा नहीं लगता , कली देखि नहीं जाती !
गुलों के दरम्याँ तेरी कमी देखि नहीं जाती !
इलाही उनके हिस्से के भी गम मुझको अदा कर दे !
कि उन मासूम आँखों मै नमी देखि नहीं जाती !