एक नज़र इधर भी
गुरुवार, 30 सितंबर 2010
गम
मुस्कराहट पर छिपाते हैं जो अपना गम ,
अपनी हालत पे वो गेरो को रुला देते हैं !
1 टिप्पणी:
खबरों की दुनियाँ
ने कहा…
बहुत गहरी बात , भई वाह !
1 अक्टूबर 2010 को 12:56 am बजे
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1 टिप्पणी:
बहुत गहरी बात , भई वाह !
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