एक नज़र इधर भी
शुक्रवार, 24 सितंबर 2010
धरम
बहस से बड़ी कोई बहस नहीं है ,
धरम से बड़ी कुच्छ की जागीर नहीं है !
ये दुनिया वालो की बनाई हुई हस्ती है ,
इस पर कोई बहस मुमकिन ही नहीं है !
क्युकी,धरम से बड़ी कोई ज़ंजीर नहीं है !
2 टिप्पणियां:
संजय भास्कर
ने कहा…
... बेहद प्रभावशाली अभिव्यक्ति है ।
26 सितंबर 2010 को 9:47 pm बजे
Minakshi Pant
ने कहा…
thanxxxxxx dost
28 सितंबर 2010 को 10:50 am बजे
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2 टिप्पणियां:
... बेहद प्रभावशाली अभिव्यक्ति है ।
thanxxxxxx dost
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