tareef ke liye shabd hi nahin mil rahe hain.
दूसरों की ख़ुशी के प्रति दिल के भावों को संप्रेषित करती बहुत ही सुन्दर रचना. -सागर by AMIT K SAGAR
waah waah !! ... ise kehte hai pyaar ki intahaa ... bahut bhoob :)
काबिले-तारीफ!
वाह ... कमाल की नज़्म है ... उनकी आँखों में नमी देखि नहीं जाती ... बहुत खूब ..
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5 टिप्पणियां:
tareef ke liye shabd hi nahin mil rahe hain.
दूसरों की ख़ुशी के प्रति दिल के भावों को संप्रेषित करती बहुत ही सुन्दर रचना.
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सागर by AMIT K SAGAR
waah waah !! ... ise kehte hai pyaar ki intahaa ... bahut bhoob :)
काबिले-तारीफ!
वाह ... कमाल की नज़्म है ... उनकी आँखों में नमी देखि नहीं जाती ... बहुत खूब ..
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