एक नज़र इधर भी
गुरुवार, 26 अगस्त 2010
अंदाज़
ये जिंदगी तेरे अंदाज़ से वाकिफ थे हम मगर !
तेरी दुनियां के रंगीन सपनों से बेखबर नहीं थे हम !!
पर क्या करे जो हमसे निभाया न गया ये सब !
पर कोशिश तो हमने भी जी जान से ही की थी !!
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