गुरुवार, 30 दिसंबर 2010

फासले


  दुरी हुई तो उनके करीब अदा हम हुए !
ये केसे फासले थे , जो बड़ने से कम हुए !!

बुधवार, 29 दिसंबर 2010

पैगाम


फकत मुकद्दर पर जिन्दा रहना ,
           निकम्मापन और बुझदिली है !
अमन की दुनियां मै मेहनत करके ,
            अपना हिस्सा वसूल करलो तुम !
उजड़ जायेगा चमन ये बाक़ी ,
             गर और कांटें न हटाओगे तुम !
गुलिस्तान की गरचे खेर चाहो ,
            तो चंद कांटें कबूल  करलो तुम !

लहू


मैने बताया लाख लहू सबका सुर्ख  है !
                फिर भी उन्होंने देख लिया काट कर मुझे !!

बेवफा


मेरे पहलु मै दम भर ठहरता ही नहीं !
                    मेरा दिल भी बेवफा है तुम्हारी तरह !

नाज़



न तुम अपनी बुलंदियों पर नाज़ करो !
             हमने सितारों को भी गिरते देखा है !!

कारवां



फुरकत की शाम , दिल की उदासी , तुम्हारी याद !
    तन्हाई मै भी कितना बड़ा कारवां हैं हम !!

नजरिया

 

 नेक ने तो नेक बद  ने बद जाना मुझे  !
                   हर किसी ने अपने 2 पैमाने से पहचाना मुझे !        

हंसी



अनमोल सजावट है ये अनमोल हंसी भी !
                   बाज़ार मै एसा कोई जेवर न मिलेगा !!

नई सुबह



जलाओ दिए उजाला करो ख्यालों में ,
             हर एक दिल की कसक हो तुम्हारे  नालों मै !
                              अँधेरी रात से उठो ख़ुलुसे दिल लेकर ,
                                            कोई  पुकार रहा है तुम्हें उजालों मै !!

पैगाम


न समझोगे तो मिट जाओगे ये हिदुस्तान वालों !
   तुम्हारी दास्तान भी न होगी दस्तानों मै  !!

सबक


रंग लाती है हिना , पत्थर  मै घिस जाने के बाद !
सुर्ख रूह होता है इंसा . ठोकरें खाने के बाद !!   

शोर



क्या करेगा प्यार वो ईमान को ,
              क्या करेगा प्यार वो भगवान को !
जन्म लेकर गोद मै इन्सान की ,
             कर न पाया प्यार जो भगवान को !        

वक़्त


वक़्त बर्बाद करने वालो को ,
               वक़्त बर्बाद करके छोड़ेगा !
उसको हालत ही न छोड़ेगा ,
             खुद को हालत पर जो छोड़ेगा !

विश्वास

butterfly

ज़माने से जो डरते हैं वो बेकार होते हैं !
बदल देते हैं जो माहोल वो खुद्दार होते हैं !!
हजारो डूबते हैं नाखुदा के भरोसे पर !
चलाते  हैं जो खुद चप्पू वो अक्सर पार होते हैं !!  

मंगलवार, 28 दिसंबर 2010

फ़र्ज़


  शहीदों की चिताओं  पर लगेंगे हर बरस मेले !
वतन पर मिटने वालों का यही बाक़ी निशान होगा !!