गुरुवार, 30 सितंबर 2010

किस्मत



उनकी किस्मत का सितारा इस तरह बुलंद था !
क्युकी जो पड़े लिखे थे वे संतरी बने ,
और जो अंगूठा छाप थे वो मंत्री बने ! 

रक्षक



चोट पर चोट दिल पे है खाए हुए !
 होंठ फिर भी है मुस्कुराए हुए !
 म़ोत की वादियों मै बैठा  हूँ !
  जिंदगी की शमा जलाये हुए ! 

दस्तूर



वो सर बुलंद रहा और खुद पसंद रहा ,
मै सर चुकाए रहा और खुशमदो मै रहा !
मेरे अज़ीज़ो यही दस्तूर है मकानों का ,
बनाने  वाला हमेशा बरामदो मै रहा !

फुर्सत



 तुम्हें गेरों से कब फुर्सत हम गम से कब ख़ाली
चलो  हो चूका मिलना न तुम ख़ाली न हम ख़ाली !

गम



मुस्कराहट पर छिपाते हैं जो अपना गम ,
अपनी हालत पे वो गेरो को रुला देते हैं !

प्यार



क्या करेगा प्यार वो ईमान को ,
क्या करेगा प्यार वो भगवान को !
जन्म लेकर गोद मै इन्सान की ,
कर न पाया प्यार जो इन्सान को !

गुज़ारिश



बिजली गिराने वाले तू बिजली वहां गिरा !
जिस शाख पर किसी का आशियाँ   न  हो !

रहमत



खुशामद  से , अदब से न मेहनत से मिलती है ! 
मोहबत एसी दोलत है जो तेरी रहमत से मिलती है !

दास्ताँ


  हमारी दास्ताँ पूरी सुनना ये दोस्त लेकिन ,
वहां से रुख बदल देना जहां माथे पे बल आये !

मन की बात


                             दुनिया की नजरो
                                     मै आये !    
                  कितने भेद हमारे 
                                   मन  के !
                  तुम भी चुप और 
                                  मै भी चुप !
                   खोले कोन किवारे 
                                  मन के !

दाग



जलता हुआ दिया बुझ जाता है ,
चिराग  फिर  भी  रह जाता है !
मोहबत ख़तम हो जाती है लेकिन ,
दिल पे दाग फिर भी रह जाता है !

इंतजार



हर जगह बैठने का मतलब इंतजार नहीं होता ,
हर किसी से मिलने का मतलब इकरार नहीं होता ,
यु  तो  नज़रे  हजारो  से  मिलती  है  मगर ,
हर  नज़र  का  मतलब  प्यार  नहीं  होता !

जिद

 
कोई केफियत --------ही ----------- नहीं !
की अपने को अपनी जिद जो बना ना दे !
की  वो  गम  ही  क्या  जो  हंसा  न  दे !
वो  ख़ुशी  भी  क्या  जो  रुला  ना  दे !